Debashish BhattacharyaAbout the Author: लेखक श्री देबाशीष भट्टाचार्य बचपन से ह368; लोग क्यों पैदा होते हैं और मरते हैं, कैसे मानव अस्तित्व जन्म और मृत्यु से परे ब्रह्मांड में भटकता है, कैसे सर्वशक्तिमान के साथ संबंध स्थापित किया जा सकता, जानने के उद्देश्य से बनारस में रहकर हिमालय की ओर जाने की प्रस्तुति ले रहे थे सन 1986 में। तभी उनके माता-पिता की इच्छानुसार वापस आकर उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की नौकरी में योगदान करना पड़ा। सन 2009 में जब मौत के साथ संघर्ष कर रहे थे, तब अस्पताल में हिमालय से प्रकट हुए एक संत उन्हें स्वस्थ होने और लेखक बनने का आशीर्वाद दिया। लेखक ने साहित्यिक मार्ग पर कदम रखा, और उनकी कहानी अंग्रेजी में "Treasure Trove" और "WAR II" पुस्तक में एवं बांग्ला उपन्यास "तुमी की मानुष" प्रकाशित हुआ। लेखक ने इस "अमर सैनिक" पुस्तक के माध्यम से अच्छा संदेश फ़ैलाने के लिए प्रयास किया, ताकि समाज के सभी वर्ग के पाठक/पाठिका किताब पढ़कर एक अच्छा सबक हासिल कर सके। Read More Read Less
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